1. सफर छोटा, घर बड़ा
किसी ने कहा आज की तरह जब आप किसी शादी या छुट्टियों में ट्रेन से पाकिस्तान या बांग्लादेश जाते , तो आपको वीज़ा की टेंशन नहीं होती। ट्रेन या बस से आप कुछ घंटों में दिल्ली से लाहौर या ढाका पहुँच जाते, जैसे आज दिल्ली से मुंबई का सफर करते हैं।
चाय की दुकान पर बैठे कुछ बुजुर्ग लोग कहने लगे, "अगर बंटवारा न हुआ होता, तो रिश्तेदारों से मिलने के लिए लाइन में लगकर वीज़ा के लिए चक्कर नहीं काटने पड़ते।" उनकी आँखों में पुराने दिनों की यादें ताज़ा हो जाती हैं, जब बंटवारे से पहले सब एक ही देश के लोग थे।
2. नौकरी के अवसर, जेब में ज़्यादा पैसे
सोचिए, इतने बड़े देश में नौकरियों की कितनी भरमार होती। बांग्लादेश की टेक्सटाइल इंडस्ट्री, पाकिस्तान के खनिज संसाधन, और भारत की आईटी इंडस्ट्री एक साथ होते।
"अगर तीनों देश एक होते, तो इतने सारे व्यापार और उद्योग मिलकर देश की जीडीपी को आसमान पर पहुँचा देते।" इससे हर किसी के पास नौकरी के बेहतर अवसर होते " तभी एक लङका बोल उठता है कि जनसँख्या भी अधिक होती तो नौकरी में कंपटीशन भी अधिक होता । बातें फिर कुछ आगे बढ़ती है ।
3. खाने में मसाला, स्वाद में विविधता
अब आप सोचिए, आपके खाने की प्लेट कितनी रंगीन होती। आपके घर की रसोई में बांग्लादेशी भात, पाकिस्तानी बिरयानी और भारतीय दाल तड़का सब मिलकर बनती।
" खाने में न सिर्फ स्वाद का संगम होता, बल्कि देश के हर हिस्से का रंग आपकी थाली में होता।
4. क्रिकेट नहीं, दोस्ताना मुकाबला
क्रिकेट का नाम सुनते ही आप सोचते हैं कि भारत और पाकिस्तान का मुकाबला कितना जोश से भरा होता है। लेकिन अगर तीनों देश एक होते, तो , "सोचो अगर शोएब अख्तर और विराट कोहली एक ही टीम में होते!" भारत की क्रिकेट टीम वर्ल्ड कप हर बार जीतती, और हर मोहल्ले में लोग ये कह रहे होते, "अबकी बार 400 पार ।
5. धार्मिक सहिष्णुता और भाईचारा
जब आपको कभी-कभी धार्मिक मुद्दों पर तनाव का सामना करना पड़ता है, तो एक अखंड भारत की कल्पना कीजिए। यहाँ, जहाँ मुस्लिम, हिंदू, सिख, ईसाई सभी एक साथ रहते, धार्मिक सहिष्णुता और भी मज़बूत होती ।
6. खर्च कम, सुकून ज़्यादा
जब आप अपना बजट बनाते हैं, तो सोचिए कि अगर पाकिस्तान और बांग्लादेश भी भारत का हिस्सा होते, तो हमारे देश के सैन्य खर्च का एक बड़ा हिस्सा बच जाता।
"हमारे टैक्स का बड़ा हिस्सा आज़ादी के बाद के युद्धों और सुरक्षा पर खर्च हो गया। अगर बंटवारा न हुआ होता, तो ये पैसा हमारे विकास और बुनियादी ढांचे पर खर्च होता।"
एकीकृत सैन्य शक्ति में भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश की सेनाएं मिलकर दक्षिण एशिया को एक महाशक्ति बना सकती थीं। भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाले युद्धों की जरूरत ही नहीं पड़ती, जिससे अरबों डॉलर की बचत होती और यह धन देश के विकास में लगता।
7.विकास या विनाश ?
लेकिन, क्या होता अगर इतने बड़े और विविध देश में शांति और विकास कायम नहीं रह पाता ? हो सकता है कि आंतरिक संघर्ष और विरोधाभास इतनी तेजी से बढ़ते कि देश कई छोटे हिस्सों में बंट जाता।
धार्मिक और क्षेत्रीय असमानताएं इतनी बड़ी हो सकती थीं कि भारत की राजनीतिक स्थिरता खतरे में पड़ जाती। हो सकता है कि विभाजन किसी और समय या किसी और रूप में फिर भी होता।
निष्कर्ष:
अगर पाकिस्तान और बांग्लादेश भारत से अलग न हुए होते, तो आज का भारत भौगोलिक रूप से विशाल, जनसंख्या के हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा, और संभवतः आर्थिक और सैन्य ताकत के रूप में बहुत मजबूत होता। हालांकि, इस एकता को बनाए रखना इतना आसान नहीं होता। इस सवाल का उत्तर केवल कल्पना पर आधारित है, लेकिन यह हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि इतिहास की एक घटना ने किस तरह पूरी दुनिया की दिशा बदल दी।
क्या होता अगर एक विभाजन ने पूरे उपमहाद्वीप की सूरत न बदली होती ? यह सवाल हमारे इतिहास की जड़ों को और गहराई से समझने की ओर ले जाता है।
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